AKTU special Carry Over Exam News :
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) ने फाइनल ईयर के फेल छात्रों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत उन्हें अब कोर्स पास करने के लिए एक साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस नई प्रणाली के तहत छात्र उसी साल कैरीओवर परीक्षा देकर कोर्स पूरा कर सकेंगे, जिस साल वे फेल होंगे। यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी और इसमें मल्टिपल चॉइस प्रश्न पूछे जाएंगे। इससे मूल्यांकन प्रक्रिया में लगने वाला समय कम हो जाएगा और कुछ ही दिनों में परिणाम जारी किए जा सकेंगे।
एआई से बनेंगे स्पेशल बैक परीक्षा के प्रश्नपत्र :
लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने अपने कामकाज में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का प्रयोग शुरू कर दिया है। विवि अगले महीने प्रस्तावित स्पेशल बैंक परीक्षा के प्रश्नपत्र एआई से तैयार करेगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। इससे एक ही सवाल को कई तरह से पूछा जा सकेगा जिससे हर विद्यार्थी के जवाब में अंतर होगा और नकल की संभावना भी कम होगी।
फाइनल ईयर के छात्रों के लिए विशेष :
कुलपति ने कहा कि फाइनल ईयर के छात्रों के लिए स्पेशल बैक परीक्षा अलग से कराई जा रही है। इससे उन पर अतिरिक्त दबाव नहीं होगा। अभी उन्हें एक तरफ नियमित परीक्षा और उसी के साथ बैक पेपर की परीक्षा देनी पड़ती है तो उन पर अतिरिक्त दबाव होता है। वहीं इस बदली हुई व्यवस्था में परीक्षा ज्यादा लंबी नहीं खिंचेगी।
यह होगा खास
कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट :
- 30 हजार छात्र स्पेशल बैक में शामिल होंगे।
- 12 दिन में हो जाएगी परीक्षा।
- लगभग 230 पेपर तैयार किए जाएंगे।
- परिणाम भी दस दिन के भीतर आ जाएगा।
क्या होगा फायदा?
कुलपति ने कहा कि फाइनल ईयर के छात्रों के लिए स्पेशल बैक परीक्षा अलग से कराई जा रही है। इससे उन पर अतिरिक्त दबाव नहीं होगा। अभी उन्हें एक तरफ नियमित परीक्षा और उसी के साथ बैक पेपर की परीक्षा देनी पड़ती है तो उन पर अतिरिक्त दबाव होता है। वहीं इस बदली हुई व्यवस्था में परीक्षा ज्यादा लंबी नहीं खिंचेगी।
अब तक फाइनल इयर में फेल छात्र अगले साल ही एग्जाम दे पाते हैं। इस कारण वे एक साल तक कुछ और नहीं कर पाते और उनका प्लेसमेंट भी लेट होता है। वहीं, इन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र बनवाने, परीक्षा करवाने और मूल्यांकन में एक से दो महीने लग जाते हैं। इससे दूसरी परीक्षाएं लेट हो जाती हैं। आंकड़ों के अनुसार, केजीएमयू में हर साल 50 हजार छात्र कैरीओवर परीक्षाएं देते हैं। इससे परीक्षा विभाग पर दबाव रहता है। ऑनलाइन परीक्षा होने से विभाग का भार भी कम होगा।